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बिहार का अगला मुख्यमंत्री दलित समाज से होना चाहिये: बिहार विकास संवाद में संजय पासवान का बयान

By Team BiharConnect

बिहार में बढ़ते चुनावी हलचल के बीच भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ संजय पासवान ने कहा है कि प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री दलित समाज से होना चाहिये।

बिहार कनेक्ट द्वारा आयोजित बिहार विकास संवाद (Bihar Development Dialogue) में एक प्रश्न का जबाब देते हुए डॉ पासवान, जो बिहार विधान परिषद के सदस्य भी हैं, ने कहा कि अब तक दलित को क्रिकेट खेल के एक नाईट वॉचमैन के तर्ज पर बिहार में मुख्यमंत्री के रूप में उतारा जाता रहा है |

“अब समय आ गया है कि स्वाबलम्बी दलित CM बिहार में बने, ऐसा माहौल बन रहा है। इस तरफ तमाम पार्टिओं को प्रयास करना चाहिये। सही मायने में सामाजिक न्याय के धारा को अगर आगे बढ़ाना है तो जिस तरह से सवर्णों से पिछड़ों ने लिया अब पिछड़ों से दलित समाज को मिलना चाहिये, अति पिछड़ा समाज को मिलना चाहिये। यह आज की आवश्यकता है और राजनिति का प्राकृतिक मार्ग भी यही है – सवर्ण से पिछड़ा, पिछड़ा से अतिपिछड़ा और अतिपिछड़ा से दलित समाज को मिले ये प्रयास करना चाहिये,” पासवान ने कहा।

उन्होंने आगे कहा कि “दलित समाज से नेचुरल कोर्स में CM बने बिहार का, ये हमलोग का एस्पिरशन है, आकांक्षा हमलोग की है।”

उन्होंने बताया कि अबतक दलित समाज से तीन व्यक्ति बिहार के मुख्यमंत्री बन चुके हैं लेकिन उनमें से कोई भी नेचुरल रूप से नहीं बन पाए | बिहार के पहले दलित मुख्यमंत्री भोला पासवान शास्त्री थे। फिर राम सुन्दर दस और बाद में जीतन राम मांझी बने | ये तीनों लोग सिर्फ थोड़े थोड़े समय के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।

“भोला पासवान शास्त्री जी भूमिहार और राजपूत के लड़ाई में बन गए थे। बैकवर्ड और फॉरवर्ड के लड़ाई में रामसुंदर दस बन गए थे। जीतनराम मांझी बने थे उस समय पर जब जदयू पर हमला हो रहा था। उनदिनों जदयू बहुत प्रॉब्लम में था | प्रॉब्लम के समय में क्राइसिस मैनेजर के रूप में इनलोगों को मुख्यमंत्री बनाया गया,” पासवान ने कहा।

Gyanendra Kumar Keshri

Gyanendra Kumar Keshri is consulting editor of BiharConnect. He has nearly 20 years of experience in journalism, having worked for diverse media streams in India and abroad.

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